Tarushi

The blog of Feelings and eXpressions

Friday, June 13, 2008

उस िशखर पर पन्हुचना है मुझे

उस िशखर पर पन्हुचना है मुझे
जहाँ सब हों और वो सब हो िजससे शांित न भंग हो
ना हो वो पल िजसमे बीते हुए कल हों
हर पल एक नया ही पल हो
अिभलाषाएं कम हो
खुिशयाँ अनंत हो
सबका साथ हरदम हो
प्यार की भरमार हो
संतुष्टी अपार हो
उस िशखर पर पन्हुचना है मुझे
जहाँ सब हों और वो सब हो िजससे शांित न भंग हो

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