उस िशखर पर पन्हुचना है मुझे
जहाँ सब हों और वो सब हो िजससे शांित न भंग हो
ना हो वो पल िजसमे बीते हुए कल हों
हर पल एक नया ही पल हो
अिभलाषाएं कम हो
खुिशयाँ अनंत हो
सबका साथ हरदम हो
प्यार की भरमार हो
संतुष्टी अपार हो
उस िशखर पर पन्हुचना है मुझे
जहाँ सब हों और वो सब हो िजससे शांित न भंग हो